वाह रे जिंदगी , वाह रे जिंदगी वाह, एक साल में बहुत कुछ दिखाया है तूने
वाह रे जिंदगी वाह, एक साल में बहुत कुछ दिखाया है तूने
अपना बना कर,खूब सताया है तूने
हँसी भी रही और खुशी
भी गयी
ये जो पहेली है तेरी,खूब दर्शाया है तूने|
अकेले ही आना है,अकेले ही जाना है
ये तो बहुत पहले ही बताया है तूने
मगर खुशी और हँसी के साथ ,
मासूमियत और प्यार हमसे चुराया है तूने
वाह रे
जिंदगी वाह, एक साल में बहुत कुछ
दिखाया है तूने
पिता का ताज जिंदगी से चुरा के पिता बना दिया तूने
वाह रे जिंदगी वाह, एक साल में बहुत कुछ दिखाया है तूने
ये उमर न थी सोच पाने की,मगर देकर उलझने बहुत कुछ
सिखाया है तूने
वाह रे जिंदगी वाह , एक साल में बहुत कुछ दिखाया है तूने !!
(श्री अशोक कुमार महतो)
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